Essay on Holi 2025:होली पर निबंध सबसे सरल और आसान

(Essay on Holi 2025:होली पर निबंध सबसे सरल और आसान) होली का त्यौहार रंगो का त्यौहार है और हम भारतवासी इसे धूम धाम से मनाते हैं एक दूसरे को रंग लगाते हैं गले मिलते हैं और खूब मस्ती करते हैं | इस बार होली 13 मार्च को है |

होली पर 150 शब्दों का निबंध

होली हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक हैं, जिसे रंगो का त्योहार भी कहा जाता हैं। होली हर साल फाल्गुन (मार्च) के महीने में विभिन्न प्रकार के रंगो के साथ मनाई जाती हैं। होली का त्योहार पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैं। इस दिन घरों में तरह – तरह के पकवान बनाए जाते हैं। होली का त्योहार पूरे भारत में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता हैं। इस दिन घरों में तरह – तरह के पकवान बनाए जाते हैं। होली का त्योहा लोग आपस में गले लगकर और एक दूसरे को रंग लगाकर मनाते हैं।

इस दौरान धार्मिक और फाल्गुन गीत भी गाये जाते हैं। होली से एक दिन पहले होलिका दहन किया जाता हैं। होली का त्योहार मनाने के पीछे एक प्राचीन इतिहास हैं। प्राचीन समय में हिरण्यकश्यप नाम का एक असुर था जो भगवान विष्णु का विरोध था । उसकी एक दुष्ट बहन थी जिसका नाम होलिका था। कश्यप के पुत्र प्रहलाद भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त थे ।

इसी कारण कश्यप ने अपनी बहन होलिक से पुत्र प्रहलाद को जान से मारने के लिए लेकर आग में बैठने को कहा क्योंकि होलिका को आग में न जलने का वरदान प्राप्त था। उसके बाद होलिका प्रहलाद को लेकर चिता में बैठ जाती हैं। लेकिन प्रहलाद आग में सुरक्षित बचे रह जाते हैं जबकि होलिका उसी चिता में जलकर भस्म हो गई ।

होली पर 200 शब्दों का निबंध

होली का त्योहार है, जो बसंत ऋतु में मनाया जाता है। प्रकृति में रंग-बिरंगें फूल बंसत के आगमन का मानो हृदय से स्वागत करते है। बंसत के रंगों का प्रतीक बनकर यह त्योहार हर साल फागुन मास की पूर्णिमा के दिन बड़ी धुमधाम से मनाया जाता है। इसीलिए फागुन का महिना मौज-मस्ति का महिना कहा जाता है।

होली मनाए जाने के पीछे कहानी भारतीय संस्कृति में हर त्योहार के पीछे कोई न कोई कहानी या किस्सा प्रच्वलित होता है। होली मनाए जाने के पीछे भी एक कहानी है। कहते हैं कि हिरण्यकश्यप नामक राजा बड़ा ही अत्याचारी था, जो खुदको भगवान समझता था। उसने सारी पुजा को आदेश दिया था कि सब लोग ईश्वर की अराधना छोड़कर केवल उसी की अराधना किया करें, यर उसका बेटा प्रहलाद ईश्वर का अनन्य भक्त था। उसने अपने पिता की बात ना मानी।

उसने ईश्वर की भक्ति में ही अपने को लगाऐ रहा। पिता की क्रोध की सीमा न हिरण्यकश्यप प्रहलाद को मरवाने के लिए बहुत उपाय किए लेकिन इश्वर की कृपा से कोई भी उपाय सफल ना हुआ। हिरण्यकश्यप की बहन थी जिसका नाम होलिका था। उसे वरदान प्राप्त था की आग उसे जला नहीं सकती । हिरण्यकश्यप की आज्ञा से प्रहलाद को होलिका की गादी में बिठा कर आग लगा दी पर ईश्वर की महिमा अपरंपार होती है। प्रहलाद तो बच गया पर होलिका जल गई।

इसी घटना की याद में हर साल रात को होली जलाई जाती है और अगले दिन रंगो का त्योहार बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। रसी प्रकार होली एक ऐसा पवित्र त्योहार है। जिसमें छोटे-बड़े अमीर-गरीब आदि सभी प्रकार के भेद‌भाव समाप्त हो जाते हैं। इस पर्व पर हमें अपने भीतर कि सभी बुराई को खत्म कर प्रेम भाव स

होली पर 10 लाइन का निबंध

  1. होली रंगो का त्योहार है|
  2. यह भारत का एक प्रसिद्ध त्योहार है।
  3. यह मार्च के महीने में आता है।
  4. यह दो दिनों तक मनाया जाता है।
  5. होली की शुरुआत होलिका दहन से होती है।
  6. अगले दिन हम रंगो से होली खेलते है।
  7. घरों में तरह-तरह के पकवान बनाए जाते हैं।
  8. होली को वसंत उत्सव भी कहा जाता है।
  9. होली बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
  10. होली भाईचारे और खुशियों का त्योहार है

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