(वसंत पंचमी 2025 पर भाषण: Vasant Panchami speech in Hindi)-बसंत पंचमी भारत देश में मनाया जाने वाला एक प्रसिद्ध त्योहार है। बसंत पंचमी, बसंत ऋतु की शुरुआत का प्रतीक है। बसंत का त्यौहार हिंदू लोगों में पूरी खुशी के साथ मनाया जाता है। बसंत ऋतु तथा पंचमी का अर्थ है- शुक्ल पक्ष का पाँचवां दिन। अर्थात बसंत पंचमी को बसंत ऋतु के पांचवें दिन के रूप में मनाया जाता है। बसंत पंचमी भारतीय महीने के पांचवें दिन माघ में आती है।
Table of Contents
महत्त्वः बसंत पंचमी का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व बहुत है। यह दिन देवी सरस्वती की पूजा के लिए समर्पित होता है, जो ज्ञान, कला और संगीत की देवी मानी जाती हैं। विद्यार्थियों और कलाकारों के लिए यह दिन विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वे इस दिन देवी सरस्वती से आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
वसंत पंचमी पर 200 शब्दों का भाषण
भारत के लोग इन उत्सवों को हर धर्म, जाति, धर्म के लोगों के साथ मिलकर खुशियां बांटते हैं। इसलिए भारत को विविधता में एकता का प्रतीक माना जाता है।
यूं ही नहीं इस देश में खुशियों के चमन खिलते हैं जरा आंख उठाके देख ऐ विश्व यहां दीप नहीं दिल जलते हैं
आज भी आप माननीय सज्जनों ने बसन्त पँचमी पर मुझे बुलाया यही हमारी सांस्कृतिक सोच है। बसंत ऋतु में फूलों पर बहार आ जाती है, खेतों में सरसों के फूल मानो सोना चमकने लगता है, जौ और गेहूँ की बालियाँ खिलने लगतीं है, आमों के पेड़ों पर बौर आ जाता है।
बसन्त ऋतु की ये प्रकृति युवा उल्लास को दर्शाती है। मानव जीवन में जिस प्रकार यौवन का आगमन होता है, ठीक उसी तरह ही बसंत ऋतु का भी हमारी प्रकृति में यौवन है।इस त्यौहार से जुड़े वैज्ञानिक तथ्य और सांस्कृतिक सोच से युवा पीढ़ी सृजन की ओर बढ़े और उल्लास से जीने का संकल्प लें।
सूर्य की किरणों के सदृश युवा भाई बहन अपने शुभ कर्मों से समाज को रोशन करें।जिस तरह से बसन्त ऋतु में शरद ऋतु के ठंड से शीतल हुई पृथ्वी की अग्नि, मनुष्य के अंतःकरण की अग्नि एवं सूर्य देव के अग्नि के संतुलन का काल होता है।
उसी तरह हमें जीवन में संतुलित आहार, सन्तुलित वाणी और व्यवहार में सन्तुलन सीखकर जीवन जीने की कला सीखनी चाहिए। ना किसी के अभाव में जियो ना किसी के प्रभाव में जियो यह जीवन है आपका अपने स्वभाव में जिओ
- Also Read This: 26 January Speech in Hindi
मुझे आशा है ये त्यौहार हम सब के जीवन में एक नया सकारात्मक परिवर्तन लाएगा। हम भी हमेशा अपने त्यौहार, उत्सवों को प्रेरणा प्रतीक मानकर मनाएं ताकि जीवन में उजियारा हो। इन्हीं शब्दों के साथ आपको फिर से बसन्त पँचमी की हार्दिक शुभकामनाएं। दो पंक्तियों के साथ अपनी वाणी को विराम देता हूं
जन-जन में उमंग उल्लास हो हर मन में समृद्धि का वास हो सृष्टि में गूंजे राग बसंत मां सरस्वती की दुआएं सबके साथ हो
वसंत पंचमी पर 300 शब्दों का भाषण
“माँ सरस्वती का ध्यान करें हम मधुर कण्ठ से गान करें नई चेतना पा करके सब जग में रोशन नाम करें”
सबसे पहले नई चेतना, सृजन और संपन्नता भरे बसंत पंचमी के इस त्यौहार की सभी को हार्दिक शुभकामनाएं, आप सभी जानते हैं कि बसंत पंचमी के दिन मां शारदे का पूजन होता है। कवि, लेखक, गायक, वादक, नाटककार मां शारदा की वंदना करते हैं प्राचीन काल के से ही जो शिक्षाविद भारत और भारतीयता से प्रेम करते हैं।
वह इस दिन मां शारदा की पूजा कर उनसे और अधिक ज्ञानवान होने की प्रार्थना करते हैं। वसंत ऋतु आते ही प्रकृति का कण-कण खिल उठता है। मानव तो क्या पशु-पक्षी तक उल्लास से भर जाते हैं। हर दिन नयी उमंग से सूर्योदय होता है।
जैसा कि आप सभी जानते हैं कि इस दिन पीले रंग के वस्त्र धारण किए जाते हैं पीले रंग के ही पकवान बनते हैं क्योंकि पीला रंग संपन्नता, नवीनता, श्रेष्ठता, सुंदरता को दर्शाता है, नई चेतना को इंगित करता है|
भारतवर्ष विविधताओं में एकता का प्रतीक है। भिन्न भिन्न संस्कृति, अलग अलग प्रान्तों के त्यौहार हमारे लिए नई उमंग और खुशियां लेकर आते हैं। ये उत्सव हमें आपसी बन्धुता और अमन की प्रेरणा से सृजित करते हैं। बसंत पंचमी के इस पावन पुनीत अवसर पर हम भी संकल्प लें की हम अपनी शिक्षा का कार्य सुचारू रूप से करें। अच्छे पढ़ लिख कर समाज को नई दिशा दें।
अपने जीवन पथ पर चलते रहने के लिए माँ शारदा के आगे संकल्पकृत हो। अपनी शिक्षा के लिए मेहनती बनें। तभी माँ सरस्वती हमें वरदान देगी। क्योंकि परमात्मा उसी का साथ देता है जो पुरुषार्थ करता है, मेहनत करता है। दिन ढ़ले बिना सवेरा नहीं होता दृढ़ संकल्प कभी अधूरा नहीं होता ग़र हो जज़्बा कुछ कर दिखाने का तो जीवन में कभी अंधेरा नहीं होता।
अपने वक्तव्य के समापन पर यही कहूंगी की इस पावन पर्व पर हम अपने जीवन में नवीनता लेकर आएं, सुंदर कार्य करें और श्रेष्ठ बनें। अपनी पढ़ाई पूरी लगन से करें। आशा करती हूं कि हम सब ऐसे प्रण के साथ इस त्यौहार को मनाएंगे । धन्यवाद।
वसंत पंचमी पर 10 लाइन हिंदी में
- बसंत पंचमी हिन्दुओं का एक प्रसिद्ध त्यौहार है।
- यह त्यौहार प्रति वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है।
- बसंत पंचमी को मनाकर हम बसंत ऋतु के आगमन का स्वागत करते है ।
- बसंत ऋतु को ऋतुओं का राजा माना जाता है ।
- इस त्यौहार को श्रीपंचमी या सरस्वती पूजा भी कहा जाता है ।
- इस त्यौहार पर लोग माँ सरस्वती की पूजा करते है।
- माँ सरस्वती को ज्ञान, विघा और कला की देवी कहा जाता है।
- इस दिन लोग पीले कपड़े पहनते है।
- इस दिन स्कूलों में अनेक प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ।
- बसंत पंचमी का त्यौहार उत्साह और आनंद का त्यौहार है ।