26 जनवरी: 40 देशभक्ति शायरियां जो दिल छू लेंगी- भारत में 26 जनवरी हर साल गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है ये दिन हमारे देश के इतिहास मे बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इसी दिन 1950 मैंने भारत का संविधान लागू किया था| हम इसे राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते है और इसी दिन ने भारत को एक लोकतांत्रिक गणराज्य बना दिया। यह दिन हमारे अधिकारों और कर्तव्यों को याद दिलाता है।
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गणतंत्र दिवस पर 50+ शायरी हिंदी में
कुछ नशा तिरंगे की आन का है, कुछ नशा मातृभूमि की शान का है,
हम लहराएंगे हर जगह ये तिरंगा, नशा ये हिंदुस्तान के सम्मान का है।
गूंज रहा है दुनिया में हिंदुस्तान का नारा।
चमक रहा है आसमान में ये तिरंगा हमारा।”
याद रखेंगे वीरों तुमको, यह बलिदान, तुम्हारा है हमको तो है जान से प्यारा यह गणतंत्र हमारा है।
काँटों में भी फूल खिलाएँ ,इस धरती को स्वर्ग बनाएँ
आओ सबको गले लगाएँ ,हम गणतंत्र का पर्व मनाएँ।
ना पूछो जमाने से कि क्या हमारी कहानी है,
हमारी पहचान तो यही है कि हम हिन्दुस्तानी है।
आओ झुक के सलाम करें उनको,जिनके हिस्से में ये मुकाम आता है खुशनसीब होता है वो खून, जो देश के का काम आता है|
ना मुझे तन चाहिए ना मुझे धन चाहिए
मुझे तो बस मेरा वतन चाहिए|
दे सलामी इस तिरंगे को ‘जिस से तेरी शान है
सर हमेशा ऊंचा रखना इसका जब तक तुझमें जान है|
कुछ याद उन्हें भी किया करो, जिनके कुर्बानियों से ये मुकाम आया है, वह कितने खुश नसीब रहे होंगे, जिनका लहू वतन के काम आया है।
अपनी आजादी को हम कैसे भुला दें, लाखों कुर्बानियों का ये तो अंजाम है, अब शान से लहरेगा तिरंगा हमारा, उन शहीदों के कुर्बानियों का इनाम है।
ना जियो धर्म के नाम पर, ना मरों धर्म के नाम पर, इंसानियत ही है धर्म वतन का, बस जियो वतन के नाम ।
बलिदानों का सपना जब सच हुआ, देश तभी आजाद हुआ, आज सलाम करे उन वीरों को, जिनकी शहादत से ये भारत गणतंत्र हुआ ।
तिरंगा हमारा है शान-ए-जिंदगी, वतन परस्ती है वफा-ए-जिंदगी, देश के लिए मर मिटना कबूल है हमें, अखण्ड भारत के स्वप्न का जूनून हैं हमें।
नफरत बुरी है ना पालो इसे, दिलों में खलिश है निकालो इसे, न तेरा, न मेरा, न इसका, न उसका, ये सबका वतन है संभालो इसे ।
आजादी का जोश कभी कम न होने देंगे, जब भी जरूरत पड़ेगी देश के लिए जान लूटा देंगे क्योंकि भारत हमारा देश है, अब दोबारा इस पर कोई आंच न आने देंगे|
इस दिन के लिए वीरो ने खून बहाया है झूम उठो देशवासियो, अपना गणतंत्र दिवस फिर आया है।
बुझा है जिस आँगन का चिराग उस घर की दिवारें भी रोयी होगीं खोया है जिन माँओं ने लाल अपना न जाने वो माँये कैसे सोयी होगीं|
कतरा-कतरा बहे खून का,अब आखिर हिसाब देगा कौन क्यों न भड़के मेरे सीने में भी आग आखिर कब तक कोई रहेगा मौन|
गणतंत्र दिवस का दिन है आया, देशभक्ति का जज्बा हर दिल में समाया । हम सब मिलकर करें ये प्रण, रखें तिरंगे का सम्मान, बढ़ाएं देश का मान ।
उम्मीदों से भर कर हर दिल में है जूनून गणतंत्र दिवस पर उठे सच्चाई की धुन । भारत का हर एक नागरिक करे ये तलब, देश को बनाएं महान, ये हमारी सबसे बड़ी ख़्वाहिश है।
जो अब तक न खौला वो खून नहीं पानी है, जो देश के काम न आए वो बेकार जवानी है।
तैरना है तो समंदर में तैरो नदी या नालों में क्या रखा है, प्यार करना है तो वतन से करो इन बेवफा लोगों में क्या रखा है।
गणतंत्र दिवस की शुभकामनाओं के लिए चित्र-







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